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जय हिन्द
दोस्तों,
कुछ दिनों
से सोनम वांगचुक का चीन को लेकर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, उनके द्वारा
बनाये गये इस विडियो को काफी लोग पसंद भी कर रहे हैं, लेकिन इनके बारे में बहुत ही
कम लोग जानते है की सोनम वांगचुक कौन हैं, तो आज हम आपको इन्ही के बारे में बताते है दोस्तों '3 इडियट्स' फिल्म से तो लगभग सभी लोग वाकिफ
होंगे, इस फिल्म में आमिर खान का किरदार लद्दाख के रहने वाले इंजीनियर सोनम
वांगचुक से प्रेरित था | सोनम वांगचुक एक इंजीनियर हैं, लेकिन लंबे समय से वो
लद्दाख क्षेत्र में समाज सुधारक का काम भी कर रहे हैं |
01 सितंबर 1966 को जन्मे
सोनम वांगचुक एक अविष्कारक और शिक्षा सुधारवादी
हैं | वो तरह तरह के ऐसे आविष्कार कर चुके हैं, जिससे
लोगों की जीवन आसान हो | उन्होंने एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियर की पढ़ाई की है |
वांगचुक के अनुसार वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे की वो सिविल
इंजीनियरिंग करें, इस कारण उन्हें घर छोड़ना पड़ा | चूंकि वो साइंस और मैथ्स जानते थे, तो उन्होंने लेह का पहला कोचिंग सेंटर खोला जिससे दो
माह में ही चार साल का पढ़ाई का खर्च निकल गया, लेकिन ईससे
उन्हें शिक्षा सुधार को लेकर काम करने की प्रेरणा मिली |
सौर ऊर्जा
से चलता है कैम्पस –
सोनम को
एसईसीएमओएल परिसर को डिजाइन करने के लिए भी जाना जाता है जो पूरी तरह से सौर-ऊर्जा
पर चलता है, और खाना पकाने, प्रकाश या
तापन (हीटिंग) के लिए भी जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं करता | सोनम वांगचुक को सरकारी स्कूल व्यवस्था में
सुधार लाने के लिए सरकार,
ग्रामीण
समुदायों और नागरिक समाज के सहयोग से 1994 में ऑपरेशन न्यू होप शुरु करने का श्रेय भी
प्राप्त है इसके अलावा वह छात्रों के एक समूह द्वारा 1988 में स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल
मूवमेंट ऑफ लद्दाख के संस्थापक-निदेशक भी हैं |
बर्फ के
स्तूप बनाने को लेकर चर्चा में आये -
वे पीने के
पानी और खेती के लिए भी अपने छात्रों के साथ मिलकर अभियान चलाते हैं, लद्दाख में सोनम
ने बर्फ के स्तूप बनाएं, जो 40 मीटर तक ऊंचे रहें इस प्रकार के एक स्तूप से 10 हैक्टेयर जमीन को सिंचित किया
जाता है | करीब 1
करोड़ 60 लाख लीटर पानी की व्यवस्था एक
स्तूप से होती है | सर्दियों में बनाए स्तूपों की बर्फ जून तक बनी रहती है जिससे
पानी की समस्या दूर हो जाती है |
चीन को बॉयकाट
क्यों करना चाहते है –
वांगचुक का
कहना है कि वो चीन के सामानों के बहिष्कार की बात इसलिए नहीं कह रहे हैं कि चीन
हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है, बल्कि इसलिए कह रहे है कि चीन में
तमाम सामान बुरी तरह से बंधुआ मजदूरी के तहत बनवाये जाते हैं | उनका कहना है कि
चीन इस समय आंतरिक समस्याओं से घिरा हुआ है, उनकी फैक्ट्रियां बंद हैं, निर्यात ठप
हो गया है, लिहाजा मजदूर नाराज है, इसलिए चीन उन समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए
सीमा पर कई देशों के साथ तनाव मोल ले रहा है | ये काम वो जानबूझकर कर रहा है, अपने
विडियो में वो अपनी इस बात को जस्टिफाई करते हैं कि किस तरह चाइनीज सामानों का
बहिष्कार करना हमारे लिए उचित है | सोनम बहुत तरीके से बताते हैं कि कैसे हर
देशवासी चीन के खिलाफ इस मुहिम में अपना साथ दे सकता है |
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