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आपको पर्यटन से जुडी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाते है | इसी क्रम
में विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता कालीबंगा जाने का मौका मिला तो आइये जानते है
कालीबंगा के बारे में –
कालीबंगा –
कालीबंगा नाम का अर्थ होता है “काली चूड़ियाँ” राजस्थान में हनुमानगढ़ साइड
चूड़ियों को “बंगा” या “बंगड़ी” बोला जाता है और इस स्थान पर सबसे ज्यादा चूड़ियाँ
पाई गयी थी, इसलिए इस स्थान का नाम कालीबंगा पड़ा | यह स्थान हनुमानगढ़ में घग्घर
नदी के पास स्थित है और हनुमानगढ़ जंक्शन से लगभग 32 km दूर है | इस स्थान पर 1953 के लगभग बी.बी. लाल व
बी.के. थापर द्वारा खुदाई की गयी जिसमे कई प्रकार के प्राचीन अवशेष पाए गये जो अभी
भी यंहा के संग्रहालय में मौजूद है जैसे की मिट्टी से बने हुए आभूषण, चूड़ियाँ,
ताम्बे से बने हुए हथियार, बच्चों के खिलोने और भी बहुत कुछ लेकिन कुछ बहुत ही
कीमती वस्तुओं को संग्रहालय में नही रखा गया है |
खुदाई में मिली मोहरें |
अगर इसके अतीत की बात करें तो यह
एक ताम्र युगीन सभ्यता थी जिसमे सिर्फ ताम्बे का ही प्रयोग किया गया है | इसको
सिन्धु घाटी सभ्यता की तीसरी राजधानी भी कहा जाता है | इस पुरे संग्रहालय में एक
चीज ही सबसे रोचक है और वो है पांच हजार साल पुराना कंकाल जो अभी भी यंहा रखा हुआ
है | प्राचीन समय में कालीबंगा के लोग भी मिस्त्र की तरह शवों को दफनाते थे, वे उनके
साथ रोजमर्रा में काम आने वाली चीजें भी उनके साथ दफ़न कर देते थे, कालीबंगा
संग्रहालय में एक कब्र में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई देता है |
खुदाई में मिला मृद भांड |
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